जानिए जैविक खाद बनाने की सबसे आसान विधि के बारे में, यदि आप भी घर पर बिना लागत के जीवामृत खाद बनाना चाहते हैं तो इस पोस्ट को पूरा पढ़े और अन्य किसान भाइयों तक शेयर जरूर करें।
प्रिय किसान भाइयों खेती में मुनाफा कमाने के दो ही तरीके है, या तो हम खेती में होने वाली लागत को कम करे या फिर हम अपनी फसल को अधिक दाम पर बेच सके, लेकिन भाव तो किसान के हाथ में नही है, लेकिन हम जैविक खाद का उपयोग करके आपनी लागत को कम कर सकते हैं।
जानिए जीवामृत खाद बनाने की विधि और फायदे, जीवामृत बनाने का तरीका, घन जीवामृत बनाने का तरीका, जीवामृत का अध्ययन, जीवामृत तयार करणे, जीवामृत जैविक टॉनिक, जीवामृत कैसे बनाया जाता है, जीवामृत का स्प्रे, जीमामृत में पोषक तत्व, वेस्ट डी कंपोजर से जीवामृत, जीवा अमृत आदि विषय पर बात करेंगे।
यह भी देखें 👉 जानिए भारत का सबसे अच्छा डीएपी खाद कौन सा है?
एक सर्वे में यह पाया गया है की जीवामृत खाद किसानों के लिए वरदान साबित हुआ है और इसके अनेकों फायदे देखे गए हैं।
जीवामृत बनाने के लिए सामग्री
- गाय का मूत्र = 10 लीटर
- गुड़ = 03 किलोग्राम
- गाय का गोवर = 10 किलोग्राम
- बेसम = 01 किलोग्राम
- 200 लीटर पानी
- 50 ग्राम मिट्टी
जीवामृत बनाने की विधि
जीवामृत बनाने के लिए सबसे पहले प्लास्टिक टंकी या सीमेंट की टंकी लीजिए फिर उसमें 200 लीटर पानी डालिए पानी में 10 किलो ग्राम गाय का गोवर, 05 से 10 लीटर गौमूत्र, 03 किलोग्राम गुड़, 02 किलो ग्राम बेसन डालिए इसके बाद 50 ग्राम मेडे की मिट्टी डालिए और अच्छी तरह से घोल लीजिए और किसी जलीदार कपड़े से ढक कर 48 घंटो के लिए छोड़ दे 48 घंटो में काम से काम 04 बार किसी डंडे से मिक्स करें 48 घण्टे पूरे होने के बाद आपका जीवामृत खेत में छिड़काव के लिए तैयार हो जाएगा।
जीवामृत प्रयोग अवधि
इस जीवामृत का प्रयोग केवल 07 दिनों तक कर सकते हैं।
सावधानियां :-
- जीवामृत को छाए में रखें जहा टंकी को धूप न लगे।
- गौमूत्र को धातु के वर्तन में न रखें।
- छाए में रखे गोवार का ही प्रयोग करें।
WhatsApp group | Click Hare |
Facebook group | Click Here |